नोएडा में दो बहनें नौकरानी बनकर करती थीं चोरी, बंगाल से गिरफ्तार, 88 लाख की ज्वेलरी बरामद
Two Sisters in Noida used to Steal by Posing as Maids
नोएडा के दो थानों की पुलिस ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन में घरेलू सहायिका बनकर चोरी करने वाली देवरानी-जेठानी को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है. दो घरों से 85 लाख रुपए की ज्वैलरी और करीब तीन लाख कैश लेकर दोनों महिलाएं भाग गईं थी. आरोपी महिलाओं को गिरफ्तारी के बाद तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर नोएडा लाया गया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी महिलाएं गहनों को पिघलाकर आर्थिक तंगी बताकर बेच दिया करती थी.
पुलिस के अनुसार, नवंबर महीने की शुरुआत में नोएडा सेक्टर-12 के पी ब्लॉक और सेक्टर-49 के बरौला गांव में चोरी की घटनाएं सामने आईं थी. दोनों ही केस में घरेलू सहायिकाओं ने काम पर रखे जाने के महज एक हफ्ते के अंदर ही इन घटनाओं को अंजाम दिया था. सूचना मिलते ही सेक्टर 24 और सेक्टर 49 थाने की पुलिस मामले की जांच में जुट गई. सीसीटीवी फुटेज जांच के दौरान दोनों महिलाओं को हुलिया एक जैसा मिला.
पुलिस ने 300 CCTV खंगाले
जांच के लिए पुलिस ने करीब 300 CCTV कैमरे खंगाले. इस बीच पुलिस को सूत्रों से पता चला कि दोनों महिलाएं चोरों की घटना को अंजाम देने के अपने घर पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले में भाग गई हैं. इसके बाद दोनों थानों की ज्वाइंट टीम को महिलाओं की गिरफ्तारी के लिए मिदनापुर भेजा गया है, जहां से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. महिलाओं के पास से पुलिस ने 85 रुपए की कीमत के सोने और हीरे की ज्वेलरी और करीब 2.89 लाख कैश बरामद किया है.
ट्रांजिट रिमांड पर लाई गई नोएडा
पुलिस दोनों महिलाओं को ट्रांजिट रिमांड पर नोएडा लेकर आई गई है.महिलाओं की पहचान मामुनी जाना उर्फ मोनी (31) और आशा उर्फ मामोनी (30) के रूप में हुई है. मामुनी ने सेक्टर 24 में, जबकि आशा ने सेक्टर 49 में चोरी की घटना को अंजाम दिया था. पुलिस की पूछताछ में उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. उन्होंने बताया कि वह पिछले पांच सालों से नोएडा में रह रही है. दोनों रिश्ते में देवरानी-जेठानी है.
घरेलू नौकरी बनकर करती थी चोरी
पुलिस जांच में सामने आया है कि इन महिलाओं ने घरेलू सहायिका बनकर पहली बार चोरी नहीं की है. इससे पहले भी कई चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुकी है. दोनों महिलाएं घरों में काम करने की खोज में अलग-अलग सेक्टरों में घूमती रही थी. उन्हें काम पर रखने के बाद वह कुछ ही समय में मालिकों की दिल जीत लिया करती थी. इसके बाद मौका मिलते ही वह सोने-चांदी और हीरे की ज्वेलरी के साथ-साथ कैश लेकर फरार हो जाती थी.
जांच में यह भी पता चला कि सोने को पिघलाकर वह सुनार के पास घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर बात कहकर बेच दिया करती थी और फिर अगले टारगेट की तलाश में लग जाती थी.